इसी दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने एक तीर से दो शिकार किए। एक तरफ एकनाथ शिंदे ने नक्सलियों को चेतावनी दी तो दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का नाम न लेते हुए उन पर निशाना साधा। एकनाथ शिंदे ने कहा कि अगर मुझे डर लगता तो मैं कभी गडचिरोली नहीं आता। परिस्थितियों का मुकाबला करके ही मैं मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा हूं। मैं कभी किसी से डरा नहीं हूं।
जवानों संग दीवाली
गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नक्सलियों को नाकों चने चबवाने वाले पुलिस जवानों के साथ दिवाली मनाई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैंने आज देखा की जवान किस तरह से और किन परिस्थितियों में यह काम करते हैं। मैंने उनके साथ वक्त बिताया और उनका हौसला भी बढ़ाया। जवानों के बीच भी यह संदेश जाना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि जवानों की मेहनत रंग ला रही है और इलाके से नक्सलवाद भी कम हो रहा है। हमें अपने बॉर्डर को पूरी तरह से सुरक्षित रखना है। ऐसे में जवानों का हौसला हाई होना चाहिए। यहां एक पुलिस स्टेशन का उद्घाटन हुआ है। यह भी एक नक्सल प्रभावित इलाका है।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि पुलिस के जवान यहां नक्सलियों से हमारी रक्षा करने के लिए चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। उन्हें किसी भी त्यौहार को अपने घरवालों के साथ मनाने का मौका भी नहीं मिल पाता। ऐसे में, मैं खुद उनके साथ यह पर्व मनाने आया हूं।
CM का नया प्लान
एकनाथ शिंदे सरकार को अस्तित्व में आए हुए 4 महीने पूरे होने वाले हैं। बावजूद इसके अभी तक सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है। सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 20 मंत्रियों का मंत्रिमंडल है। जिसमें से 9 मंत्री शिंदे एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से हैं तो 9 मंत्री सहयोगी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हैं। सूत्रों की मानें तो फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। ऐसे हालात में नाराज विधायकों को मनाने के लिए महाराष्ट्र की शिंदे- फडणवीस सरकार ने एक प्लान तैयार किया है। इस प्लान के मुताबिक कई नाराज विधायकों को महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत आनेवाले महामंडल(निगम) की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस तरह से विधायकों की नाराजगी भी दूर हो जाएगी और निगमों को चेयरमैन भी मिल जाएंगे।